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सीएसआर कानून
इस एपिसोड में हम चर्चा करेंगे:
1. CSR क्या है और क्यों ज़रूरी है?
- CSR अब कोई विकल्प नहीं, बल्कि कानूनन ज़रूरी है।
- कंपनी अधिनियम 2013 के सेक्शन 135 के अनुसार:
- अगर किसी कंपनी का:
- सालाना टर्नओवर ₹1000 करोड़ से ज़्यादा हो, या
- नेट वर्थ ₹500 करोड़ से ज़्यादा हो, या
- नेट प्रॉफिट ₹5 करोड़ से ज़्यादा हो,तो उसे पिछले 3 साल के औसत प्रॉफिट का 2% सामाजिक कार्यों में खर्च करना ज़रूरी है।
- अगर किसी कंपनी का:
2. CSR का पैसा कब और कैसे खर्च करना है?
- अगर कंपनी किसी साल CSR की रकम खर्च नहीं कर पाती:
- और कोई ongoing project नहीं है, तो:
- 6 महीने के भीतर रकम सरकार के फंड में जमा करनी होगी।
- अगर ongoing project है, तो:
- साल खत्म होने के 30 दिन के अंदर पैसा एक अलग Unspent CSR Account में डालना होगा।
- फिर अगले 3 साल में खर्च करना जरूरी है।
- अगर तब भी खर्च नहीं हुआ, तो पैसा सरकार के पास जाएगा।
- और कोई ongoing project नहीं है, तो:
3. CSR प्रोजेक्ट कौन कर सकता है?
- कंपनी खुद कर सकती है या किसी NGO/एजेंसी के ज़रिए।
- ऐसी एजेंसी/NGO को ये होना चाहिए:
- 12A और 80G रजिस्ट्रेशन
- कम से कम 3 साल का समाजिक काम का अनुभव
- CSR-1 फॉर्म MCA पोर्टल पर भरना ज़रूरी, जिससे CSR Registration Number मिलता है।
4. किन कामों पर CSR का पैसा खर्च किया जा सकता है?
- शेड्यूल 7 में बताई गई गतिविधियाँ:
- ग़रीबी हटाना
- शिक्षा
- स्वास्थ्य सेवाएं
- पर्यावरण संरक्षण
- महिला सशक्तिकरण
- ग्रामीण विकास
- आपदा राहत
- और कई अन्य ज़रूरी सामाजिक क्षेत्र
5. किस पर CSR नहीं माना जाएगा?
- राजनीतिक दलों को चंदा देना
- केवल कर्मचारियों के लिए फायदे वाले प्रोजेक्ट
- ऐसी स्पॉन्सरशिप जिससे कंपनी को सीधा मार्केटिंग फायदा मिले
- किसी संस्था को सिर्फ सामान देना (जैसे कंप्यूटर), बिना प्रोजेक्ट प्लान के
कुछ और अहम नियम:
- Unspent CSR Account में पैसा 30 अप्रैल तक डालना होगा।
- Ongoing project की अधिकतम अवधि 4 साल हो सकती है।
- कंपनियों को रिपोर्टिंग और समय-सीमा का सख्ती से पालन करना होगा, नहीं तो जुर्माना लग सकता है।
संस्थाओं के लिए खास सलाह:
- अगर आप CSR फंड पाना चाहते हैं:
- 12A और 80G ज़रूर लें
- CSR-1 फॉर्म जरूर भरें
- कम से कम 3 साल का अनुभव रखें
- और अपने प्रोजेक्ट्स को सही से डोक्युमेंट करें