गैर सरकारी संगठनों के लिए आयकर (भाग 2)

मुख्य बातें – आसान भाषा में संक्षेप:

1. तीन ज़रूरी शर्तें जो हर संस्था को माननी चाहिए

  • टैक्स छूट की शर्तों का पालन:संस्था को नियमों के अनुसार ही काम करना चाहिए, वरना टैक्स छूट रद्द हो सकती है।
  • रिकॉर्ड 10 साल तक संभालना:संस्था को अपनी फाइलें, रसीदें और संबंधित दस्तावेज़ 10 साल तक संभालकर रखना अनिवार्य है।
  • सभी जरूरी फॉर्म सही समय पर भरना:जैसे ITR-7, Form 10, और यदि विदेश से फंड आया है तो Form 10F या FCRA से जुड़े फॉर्म

2. अनुचित फायदा (Undue Benefit):

अगर संस्था ने किसी ट्रस्टी या उनके रिश्तेदार को ज़्यादा वेतन दिया, बाजार रेट से कम किराए पर प्रॉपर्टी दी या लोन दिया, तो यह अनुचित लाभ माना जाएगा। ऐसे मामलों में टैक्स छूट रद्द हो सकती है।

3. गोपनीय डोनेशन और सेक्शन 115BBC:

अगर संस्था को अनाम दान (anonymous donation) मिलता है और उसकी जानकारी ठीक से नहीं दी जाती, तो उस पर भारी टैक्स लग सकता है। इसलिए पारदर्शिता ज़रूरी है।

4. पांच करोड़ से अधिक आय:

अगर संस्था की कुल आय ₹5 करोड़ से ज़्यादा हो, तो उसे और ज़्यादा कड़े पारदर्शिता नियमों का पालन करना होता है।

5. विदेशी फंड की रिपोर्टिंग:

अगर कोई हिस्सा भारत के बाहर खर्च हुआ हो या विदेश से पैसा आया हो, तो इसकी जानकारी देना अनिवार्य है। नहीं देने पर दिक्कत हो सकती है।

6. Income Tax Portal पर नजर रखें:

संस्थाओं को नियमित तौर पर इनकम टैक्स पोर्टल लॉगिन करके देखना चाहिए कि कोई नोटिस तो नहीं आया है।

आख़िरी बात:

इस पॉडकास्ट का मकसद है कि संस्थाएं नियमों को समझें और ठीक से पालन करें ताकि टैक्स में कोई परेशानी ना हो। Compliance सिर्फ paperwork नहीं है, यह भरोसे का मामला है।

Join 2,158+ members who get free updates on statutory and regulatory matters

Get important announcements and compliance updates in your inbox – no spam, and you can unsubscribe anytime.

Great! Please check your inbox and click the confirmation link.
Sorry, something went wrong. Please try again.

Written by

PATTIC

Alliance Volunteers: